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अब भाजपा सरकार नहीं खरीदेगी किसानों से धान-गेहूं? सीएम ने मोदी को लिखा पत्र, कहा- कर्ज से दबा हुआ है राज्य, भुगतान में हो रही समस्या।

अब भाजपा सरकार नहीं खरीदेगी किसानों से धान-गेहूं? सीएम ने मोदी सरकार को लिखा पत्र, कहा- कर्ज से दबा हुआ है राज्य, भुगतान में हो रही समस्या, पीसीसी चीफ ने शेयर किया लेटर।

(कालाहीरा न्यूज़ )

छत्तीसगढ़-मध्यप्रदेश सहित देश के कई राज्यों में आगामी दिनों में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू होने वाली है। सहकारी संस्थाएं किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी करती है और केंद्र सरकार की ओर से तय किए गए MSP का भुगतान करती है। हालांकि छत्तीसगढ़ में किसानों को प्रदेश सरकार की ओर से अलग से बोनस के तौर पर समर्थन मूल्य के अतिरिक्त कृषक उन्नति योजना के तहत एक निश्चित राशि का भुगतान किया जाता है। लेकिन इस बीच छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश से एक बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल मध्यप्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार को एक पत्र लिखकर धान और गेंहू खरीद बंद करने का प्रस्ताव दिया है। इस संबंध में प्रदेश सरकार ने 72 हजार करोड़ रुपए कर्ज का हवाला दिया है।

सीएम मोहन यादव की ओर से जारी पत्र में लिखा गया है कि ”मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 1 अक्टूबर को केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी को एक पत्र लिखकर कहा है कि गेहूं और धान की खरीदी की व्यवस्था केंद्रीकृत तरीके से की जाए। पत्र में लिखा है कि प्रदेश में उपार्जन पिछले सालों में बढ़कर गेहूं में 77.74 लाख मीट्रिक टन एवं धान में 43.49 लाख मीट्रिक टन हो गया है।”

वहीं, सीएम मोहन यादव का पत्र सामने आने के बाद प्रदेश की सियासत गरमा गई है। विपक्षी पार्टी कांग्रेस के प्रमुख जीतू पटवारी ने अपने अधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर लेटर को शेयर करते हुए लिखा है कि ”मप्र के किसान भाइयों…मप्र की भाजपा सरकार ने गेहूं/धान की सरकारी खरीदी करने से हाथ खड़े कर दिए हैं! मुख्यमंत्री मोहन यादव ने केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी को पत्र भी लिख दिया है!”

”सरकार का कुतर्क है अब FCI खरीदी करेगा! मैं प्रामाणिक तौर पर कह रहा हूं इससे किसानों को सिर्फ नुकसान ही होगा! गुणवत्ता मानक के नाम पर फिर लाखों क्विंटल गेहूं रिजेक्ट होगा! फिर से किसान को अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई औने-पौने दामों पर बाजार की शर्तों और निजी व्यापारियों को बेचने के लिए मजबूर होना पड़ेगा! फिर से किसानों को घाटा होगा!” ”उन्होंने इस फैसले का विरोध करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश सरकार के इस निर्णय का विरोध करता हूं! भाजपा सरकार को कहना चाहता हूं, किसानों के आर्थिक शोषण की इस नीति को तत्काल वापस ले!”

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Author: Kala Hira

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