(कालाहीरा न्यूज़)
✍️मनोज महतो
उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ छठ महापर्व का हुआ समापन।
दीपका। काला हीरा की नगरी गेवरा दीपका मे पूरे देश की तरह हर्ष एवं उल्लास के साथ आस्था का पर्व छठ मनाया गया। इस दौरान क्षेत्र के दोनों महत्वपूर्ण घाट मे हजारों की संख्या मे लोग उपस्थित हुवे मानो आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा हो।
उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद छठ महापर्व का समापन किया गया। इसी के साथ चार दिनों तक चलने वाला यह कठिन व्रत और 36 घंटे का निर्जला उपवास पूर्ण हो जाएगा।
उत्तर भारत इस लोक आस्था के महापर्व छठ में डूबा हुआ है। सोमवार की शाम डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद आज मंगलवार, 28 अक्टूबर 2025 को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर छठ महापर्व का समापन किया गया। इसी के साथ चार दिनों तक चलने वाला यह कठिन व्रत और 36 घंटे का निर्जला उपवास पूर्ण हो जाएगा। व्रती महिलाएं घाटों पर खड़े होकर सूर्यदेव को जल अर्पित किये और अपने परिवार की सुख-समृद्धि, संतान की दीर्घायु और जीवन में नई ऊर्जा की कामना किये।

उदयागमी अर्घ्य का महत्व
छठ का चौथा दिन उदयागमी अर्घ्य का होता है जो जीवन में प्रकाश, सकारात्मकता और नई ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार सूर्य को जल अर्पित करने से आत्मबल, मानसिक शांति और आत्मविश्वास बढ़ता है। ज्योतिषीय दृष्टि से भी सूर्य को अर्घ्य देने से व्यक्ति के भाग्य और नेतृत्व क्षमता में वृद्धि होती है। जिन लोगों की कुंडली में सूर्य कमजोर होता है उनके लिए यह अर्घ्य बेहद शुभ फलदायी माना जाता है। इससे सम्मान, सफलता और प्रगति के नए द्वार खुलते हैं
देव सरोवर प्रगतिनगर का दृश्य





