(कालाहीरा न्यूज़ )
✍️मनोज महतो
कोरबा। हरदीबाजार क्षेत्र में भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास को लेकर विवाद लगातार गहराता जा रहा है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि एसईसीएल दीपका प्रबंधन उनकी जमीन पर जबरन कब्ज़ा करने और बुलडोजर चलाने की मुहिम में जुटा है। ग्रामीणों का कहना है कि कोर्ट के आदेश और कानूनों की अनदेखी करते हुए न केवल रोजगार और मुआवजा देने से इंकार किया जा रहा है, बल्कि पुनर्वास की व्यवस्था भी ठप कर दी गई है।
ग्रामीणों ने गंभीर आरोप लगाया है कि आउटसोर्सिंग कंपनियों के जरिए प्रभावितों को काम पर नहीं रखा जा रहा। जो लोग काम कर भी रहे हैं, उन्हें वेतन, भत्ता, मेडिकल और सुरक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं कराई जा रही हैं। ग्रामीणों के मुताबिक दीपका प्रबंधन की मनमानी और जिला प्रशासन की मिलीभगत के चलते आंदोलन करने वालों को दमन और धमकियों का सामना करना पड़ रहा है।
इन्हीं मुद्दों को लेकर अब यह संघर्ष और तेज होता दिख रहा है। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 26 सितंबर को दोपहर 2 बजे हरदीबाजार पहुंचकर ग्रामीणों से सीधा संवाद करेंगे। उम्मीद जताई जा रही है कि बघेल मंच से दीपका प्रबंधन की कार्यशैली पर खुलकर हमला बोल सकते हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि अब समय आ गया है जब वे अपनी एकजुटता दिखाकर दीपका प्रबंधन के खिलाफ मजबूती से खड़े हों। स्थानीय लोग बड़ी संख्या में इस जनसभा में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं।
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि बघेल का यह दौरा हरदीबाजार के विस्थापन आंदोलन को नई धार देगा और दीपका प्रबंधन को कटघरे में खड़ा करेगा। वहीं, प्रबंधन की ओर से अभी तक ग्रामीणों के आरोपों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि 26 सितंबर को भूपेश बघेल किस अंदाज़ में दीपका प्रबंधन और सरकार पर निशाना साधते हैं और ग्रामीण इस संघर्ष को किस तरह आगे बढ़ाते हैं।












