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बिलासपुर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: छात्राओं से दुर्व्यवहार करने वाले शिक्षक को सजा 

(कालाहीरा न्यूज)

दीपका।छात्राओं से यौन दुर्व्यवहार के आरोपी शिक्षक की आपराधिक अपील को खारिज करते हुए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पॉक्सो एक्ट के तहत दी गई सजा को बरकरार रखा है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की पीठ ने निचली अदालत के फैसले की पुष्टि करते हुए कहा कि शिक्षक का पद सिर्फ पढ़ाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह विश्वास और जिम्मेदारी का पद है। छात्राओं के साथ यौन दुर्व्यवहार न केवल पेशेवर कदाचार है बल्कि गंभीर अपराध भी है।

अदालत का फैसला

इस मामले में नाबालिग पीड़िताओं की गवाही को अदालत ने विश्वसनीय माना। यह अपील मुंगेली के विशेष न्यायाधीश (एफटीएससी) पॉक्सो एक्ट द्वारा 2 मार्च 2022 को दिए गए फैसले के खिलाफ दायर की गई थी। आरोपी शिक्षक कीर्ति कुमार शर्मा को पॉक्सो अधिनियम की धारा 12 के तहत दोषी करार दिया गया था। निचली अदालत ने उसे दो साल, एक महीने और छह दिन के कारावास के साथ 2500 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई थी। अपीलकर्ता पहले ही यह सजा पूरी कर चुका है और जुर्माना भी भर चुका है।

कैसे हुआ था खुलासा?

बरेला मुंगेली निवासी कीर्ति कुमार शर्मा शासकीय मिडिल स्कूल में गणित और अंग्रेजी पढ़ाने के लिए नियुक्त था, लेकिन वह 7वीं कक्षा में विज्ञान पढ़ाता था। इस दौरान वह छात्राओं को अनुचित तरीके से छूता और अभद्र टिप्पणियाँ करता था।

शिकायत मिलने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने जांच के आदेश दिए। 28 मार्च 2019 को बीईओ प्रतिमा मंडलोई ने मौके पर जाकर शिक्षकों और छात्राओं के बयान दर्ज किए। जांच में सामने आया कि आरोपी कक्षा में गुटखा-तंबाकू चबाता था और शौचालय जाने वाली छात्राओं पर अभद्र भाषा का प्रयोग करता था।

Kala Hira
Author: Kala Hira

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