(कालाहीरा न्यूज)
कोरबा। “मानव समाज के इतिहास पर यदि सम्यक दृष्टि डालें और विकास की सभ्यता पर चिंतन करें तो यह स्पष्ट होता है कि मानव विकास को शिक्षा ने बहुत प्रभावित किया है। यदि शिक्षा और प्रतिभा का उपयोग कैरियर निर्माण और रोजगार के साथ-साथ मानव मूल्य की स्थापना और आदर्श समाज की रचना में किया जाए तो निश्चय ही समाज उन्नत और विकसित समाज बनेगा। हमारे युवा प्रतिभाशाली विद्यार्थी अपनी प्रतिभा और योग्यता का प्रयोग समाज निर्माण में करें और मिनीमाता जैसे अन्य महान विभूतियां के बताएं मार्ग का अनुसरण करें।” उक्त उद्गार प्रोफेसर(डॉ.)प्यारेलाल आदिले शिक्षाविद ने रायपुर में आयोजित मिनीमाता स्मृति एवं प्रतिभा सम्मान समारोह में अतिथि वक्ता के रूप में व्यक्त किया। अपने उद्बोधन में प्रोफेसर आदिले ने आगे कहा कि “जब हम उच्च शिक्षा की ओर अग्रसर होते हैं और साथ-साथ संस्कार को भी उन्नत करते हैं तब सम विकास और सुखमय समाज की रचना होती है। आज समय आ चुका है हमारा युवा पीढ़ी अपने कैरियर निर्माण करते हुए महान पुरुषों के बताए मार्गों का अनुसरण करें और अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन सकारात्मक तथा व्यावहारिक रूप में करें ताकि समस्त प्रकार की सामाजिक समस्याओं का निराकरण हो सके।” प्रोफेसर आदिले ने केंद्र एवं प्रदेश सरकार से आह्वान किया कि मिनीमाता की जन्म तिथि को ‘राष्ट्रीय ममता दिवस’ के रूप में और उनकी अवसान तिथि को ‘राष्ट्र समर्पण दिवस’ के रूप में घोषित कर कार्यक्रम का आयोजन किया जाना चाहिए। देश के प्रत्येक जिला में गुरु घासीदासज्ञान ज्ञान केंद्र (ग्रंथालय) की स्थापना की जानी चाहिए तथा गिरौदपुरी धाम को अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन के रूप में विकसित किया जाना चाहिए ताकि हमारा देश अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानव- मानव एक समान एवं शांति, अहिंसा,सद्भाव को लेकर वैश्विक नेतृत्व के लिए तैयार हो सके।यह कार्यक्रम ममतामयी मां मिनीमाता के परि निर्वाण दिवस 11 अगस्त को रायपुर के वृंदावन हाल में गुरु घासीदास साहित्य एवं संस्कृति अकादमी रायपुर एवं राजश्री सद्भावना समिति रायपुर के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित हुआ। उल्लेखनीय है कि सतनामी समाज के विभिन्न ऐसी विभूतियां जिन्होंने समाज के अनेक क्षेत्रों साहित्य,समाज सेवा,कृषि,स्वास्थ्य,टेक्नोलॉजी, व्यवसाय,मीडिया राजनीति एवं अन्य क्षेत्रों में अपनी उल्लेखनीय भूमिका निभाया है उन्हें सम्मानित किया गया। साथ ही साथ कक्षा दसवीं एवं बारहवीं की बोर्ड परीक्षा में अधिक अंक प्राप्त विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। लगभग 251 प्रतिभागियों को साल,श्रीफल, प्रशस्ति पत्र,प्रतीक चिन्ह,साड़ी, कॉपी,पेन सेट तथा तथा पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. शिव लहरिया पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं कार्यक्रम के अध्यक्ष श्रीमती कविता प्राण लहरे विधायक भिलाईगढ़ क्षेत्र थी। इस कार्यक्रम में श्रीमती शकुंन डहरिया अध्यक्ष राजश्री सद्भावना समिति,दिनेश साध जी मुंबई,बाबा कमलेश दास जी कोटवा धाम,उत्तर प्रदेश, ज्योति लाल बंजारे अध्यक्ष, सतनामी समाज उड़ीसा तथा मदन सतनामी जी पूर्व अध्यक्ष सतनामी समाज असम ने संबोधित किया। गुरु घासीदास साहित्य एवं संस्कृति अकादमी रायपुर के अध्यक्ष के.पी.खंडे ने अपने उद्बोधन में मिनीमाता जी की जीवन वृत्त और उनकी उल्लेखनीय कार्यों का विस्तार पूर्वक वर्णन किया। इस कार्यक्रम में विशेष रूप से अकादमी के महासचिव डॉ.जे.आर.सोनी, सुंदरलाल जोगी,चंपा देवी गेंदले, के.एन.भारद्वाज,एच.एल.रात्रे, के.एल.रवि,एम.डी.माहिलकर, सुंदर लहरे,आर.के.गेंदले,जी. आर.बाघमारे,सुंदर लहरे,प्रो. आर.पी.टंडन,टी.आर.खूंटे, गिरिजा पाटले,डॉ.कल्याण रवि, डॉ. गणेश कुर्रे,आशा पात्रे, अनीता गुरु पंच,गोंदा बारले,दुर्गा गेंदले,सरस्वती राघव,सुनंदा बघेल,डॉ.भुनेश्वरी भारद्वाज, संगीता बाल किशोर,ममता कुर्रे, संगीता पाटले,राजेश्वरी चांदने, मोनू मिरी बंजारे,भुनेश्वरी डहरिया,ललिता कुर्रे सहित अनेक अतिथि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन अकादमी के प्रवक्ता चेतन चंदेल ने किया।
