(कालाहीरा न्यूज )
शनिवार को एक महिला द्वारा आत्महत्या करने की कोशिश का मामला सामने आया है, जिसने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया। बताया जा रहा है कि पति की मारपीट और प्रताड़ना से तंग आकर महिला ने हसदेव नदी में छलांग लगा दी। गनीमत रही कि समय पर मौजूद मछुआरों ने महिला को डूबने से बचा लिया। यह घटना चांपा थाना क्षेत्र की है। आत्महत्या का प्रयास करने वाली महिला की पहचान लक्ष्मी सूर्यवंशी (37 वर्ष) के रूप में हुई है, जो नवागढ़ थाना क्षेत्र के हरदी अमोदा गांव की निवासी है। महिला के अनुसार, उसका पति धनेश्वर सूर्यवंशी लंबे समय से उसके साथ मारपीट और गाली-गलौज करता था। इसी घरेलू प्रताड़ना से परेशान होकर उसने अपनी जीवनलीला समाप्त करने का प्रयास किया। घटना कैसे घटी? शनिवार सुबह करीब 11:30 बजे, लक्ष्मी सूर्यवंशी घर से निकली और पैदल चलते हुए चांपा के गेमन पुल तक पहुंच गई। पुल हसदेव नदी के ऊपर स्थित है और आमतौर पर यहां लोगों की आवाजाही बनी रहती है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, महिला कुछ देर पुल के किनारे खड़ी रही और फिर अचानक नदी में छलांग लगा दी। हालांकि, सौभाग्यवश उस समय कुछ स्थानीय मछुआरे नदी में मछली पकड़ने के लिए मौजूद थे, जिन्होंने महिला को नदी में गिरते देखा। उन्होंने बिना देर किए तुरंत पानी में छलांग लगाई और महिला को बाहर निकाल लिया। इसके बाद घटना की सूचना पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस, अस्पताल में भर्ती सूचना मिलते ही चांपा थाना पुलिस मौके पर पहुंची और महिला को तत्काल उपचार के लिए बीडीएम अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टरों की निगरानी में महिला का इलाज चल रहा है। चिकित्सकों का कहना है कि महिला की हालत फिलहाल स्थिर है और उसे समय रहते बचा लिया गया।
पुलिस द्वारा की गई प्रारंभिक पूछताछ में महिला ने बताया कि उसका पति धनेश्वर सूर्यवंशी लगातार उसके साथ मारपीट करता था, शराब पीकर गाली-गलौज करता था और मानसिक रूप से प्रताड़ित करता था। इन सबसे तंग आकर उसने यह आत्मघाती कदम उठाया। महिला ने यह भी बताया कि वह कई बार इन घटनाओं की शिकायत करना चाहती थी, लेकिन परिवार और समाज के डर से चुप रही। नवागढ़ थाना को दी गई सूचना चांपा थाना प्रभारी जयप्रकाश गुप्ता ने बताया कि महिला हरदी अमोदा की रहने वाली है और वह पैदल चलकर काफी दूर स्थित गेमन पुल तक आई थी। घटना की सूचना नवागढ़ थाना पुलिस को दे दी गई है, क्योंकि महिला का मूल निवास नवागढ़ थाना क्षेत्र में आता है। थाना प्रभारी के अनुसार, महिला को परिजनों के आने के बाद चांपा थाने से नवागढ़ थाने को सौंपा जाएगा। आगे की कानूनी कार्रवाई नवागढ़ पुलिस करेगी। महिला की सुरक्षा को लेकर चिंताएं यह घटना एक बार फिर से घरेलू हिंसा और महिला सुरक्षा के गंभीर मुद्दे को सामने लाती है। महिला ने यदि समय रहते अपनी स्थिति किसी विश्वसनीय व्यक्ति या संस्था को बताई होती, तो शायद यह स्थिति टल सकती थी।
समाज में अभी भी ऐसे मामलों को लेकर चुप्पी और सामाजिक शर्मिंदगी के चलते महिलाएं खुद को अकेला और असहाय महसूस करती हैं। प्रशासन की प्रतिक्रिया और अगली कार्रवाई फिलहाल पुलिस द्वारा महिला के बयान दर्ज किए गए हैं और उसे चिकित्सकीय निगरानी में रखा गया है। यदि महिला लिखित शिकायत दर्ज कराती है, तो पति के खिलाफ मारपीट और मानसिक प्रताड़ना का केस दर्ज किया जाएगा। नवागढ़ थाना प्रभारी से भी संपर्क कर महिला की स्थिति और पति के खिलाफ अब तक की शिकायतों की जानकारी ली जा रही है। यदि पति पर पहले से कोई मामला दर्ज नहीं है, तो इस प्रकरण में स्वतः संज्ञान लेकर केस दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। जागरूकता और सहायता की आवश्यकता इस घटना ने फिर साबित किया है कि घरेलू हिंसा की शिकार महिलाएं समय पर मदद नहीं मिलने के कारण चरम कदम उठाने को मजबूर हो जाती हैं। प्रशासन और समाज दोनों की जिम्मेदारी है कि ऐसी पीड़ित महिलाओं को समय रहते सहायता और परामर्श मुहैया कराएं। सरकारी हेल्पलाइन, महिला आयोग, और सामाजिक संगठनों को भी आगे आकर ऐसे मामलों में हस्तक्षेप करना चाहिए, जिससे पीड़ित महिला को न्याय और सुरक्षा दोनों मिल सके।
