चुनावी संघर्ष में सभी जी तोड़ मेहनत में पसीना और धन बहाते हैं संघर्ष भी बराबर होता है, लेकिन जीतना किसी एक को ही होता है। जीतने वाला सारी वाहवाही और सुर्खियां बटोरता है। मग़र भाग्य आजमा रहे बाकियों के मेहनत में कोई कमी रही हो ऐसा नहीं कहा जा सकता। इस चुनाव में कुछ ऐसा हुआ जिसे देखकर कहा जा सकता है कि दीपका की राजनीति आने वाले समय में पुराने ढर्रे से निकलकर एक नई और उज्ज्वल दिशा प्राप्त कर सकती है। इस चुनाव में कुछ ऐसे चेहरे सामने आए जिन्होंने हार कर भी खूब सुर्खियां बटोरी। इन्हीं से भविष्य की दिशा तय होनी है।
इस चुनाव में एक दो नहीं बल्कि 7 ऐसे वार्ड रहे जिसमें बिल्कुल नए चेहरों ने अच्छे अच्छों के पसीने छुड़ा दिए। सबसे ज्यादा चर्चा में 2 नम्बर वार्ड और 13 नम्बर वार्ड रहे। जहां 2 नम्बर में पहली बार चुनाव लड़ रहे भाजपा के संतोष सिंह ने आख़िरी क्षण तक मज़बूत पकड़ बनाए रखा। और मतगणना के दिन तक प्रतिद्वंदी की सांसे रोक रखीं, सिर्फ 38 वोट से हार गए। तो दूसरी ओर 13 नम्बर वार्ड से बिना राजनीतिक बैकग्राउंड के पहली बार चुनाव में उतरे बिल्कुल युवा से तरुण नायर ने 20 साल से अजेय भाजपा के दिग्गज नेता आरुणिश तिवारी को नाकों चने चबवा दिए। आरुणिश यहां से 39 वोट से जीते। इनके साथ ही 6 नम्बर वार्ड से कांग्रेस की मंजूषा यादव सिर्फ 7 वोट से हारीं। 12 नम्बर वार्ड से भाजपा के अभिलाष साहू 24 वोट से पिछड़ गए। 17 नम्बर वार्ड से कांग्रेस के अभिषेक चरण शेखू 25 वोट से पिछड़ गए। 20 नम्बर वार्ड से भाजपा की मधुरिमा सोलंकी 26 वोट से चूक गईं। 21 नम्बर वार्ड से कांग्रेस की अंजू जांगड़े 27 वोट से हार गईं। ये सब ऐसे चेहरे हैं जिन्होंने पहली बार चुनाव लड़ा और क्या खूब लड़ा।