कालाहीरा लोकतंत्र उत्सव दीपका
मनोज महतो
दीपका मे लोकतंत्र उत्सव की शुरुआत हो चुकी है आगामी 11 फरवरी को मतदान होना है।
जबसे नगरपालिका परिषद दीपका अस्तित्व मे आया है तबसे लेकर आज तक दीपका का एक वार्ड ऐसा है जंहा पार्षद पद का चुनाव होता ही नहीं यंहा से प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित हो जाता है।
एक बार किसी निर्दलीय प्रत्याशी ने चुनाव लड़ने की हिम्मत दिखाई थी और नामांकन भर दिया था जिस कारण चुनाव हुआ लेकिन जीत उसी की हुई जो पहले से तय था।
दरअसल वार्ड क्रमांक 8 जो नगर पालिका के अस्तित्व में आने के समय वार्ड क्रमांक 6 था एक निजी कंपनी के आधिपत्य का क्षेत्र है वहां केवल इस कंपनी में कार्यरत कर्मचारी निवास करते हैं और स्वाभाविक है वहां के लोग जो उनके बॉस चाहेंगे उन्हें वोट देते हैं।
दीपका में लोकतंत्र का यह कैसा मजाक है सीमांकन के समय आखिर कोई विरोध क्यों नहीं करता नजदीक में ही कृष्णा नगर मोहल्ला है वहां के आधे मतदाताओं को मिलाकर गरुड़ नगर के साथ एक नया वार्ड बनाया जा सकता है किंतु ऐसा हो नहीं पाता है।
यहां पूर्व मे पार्षद विष्णु प्रसाद कुर्मी निर्विरोध निर्वाचित हुए और उन्हें उपाध्यक्ष का पद दिया गया।विनोद बत्रा निर्वाचित हुवे उन्हें भी उपाध्यक्ष का पद मिला, गुरजीत सिँह भी निर्विरोध निर्वाचित हुवे और पिछले चुनाव मे मदन सिँह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप मे निर्विरोध निर्वाचित हुवे इस दौरान मदन सिँह ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के सचिव थे फिर भी वो कांग्रेस के टिकट पर चुनाव नहीं लड़े। लेकिन चुनाव जीतने के बाद उन्होंने कांग्रेस प्रवेश किया।
इस बार आलोक परीडा इस वार्ड से निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं निर्वाचन अधिकारी ने उन्हें सर्टिफिकेट भी दे दिया पार्षद के बाद वे उपाध्यक्ष भी बन जाएंगे इसमें कोई दो मत नहीं है दीपका की जनता के लिए यह कोई चौंकाने वाला खबर नहीं है यह आम बात है जो पिछले 25 वर्षों से होते आ रहा है और आगे भी होता रहेगा और आप सब हाथ पैर हाथ धरे देखते रहेंगे।

सीधे शब्दों मे समझा जा सकता है कि इस वार्ड से या तो कोई निर्दलीय ही चुनाव लड़ेगा या फिर भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ेगा आखिर कांग्रेस पार्टी से परहेज क्यों? यह समझने वाली बात है।
लोकतंत्र उत्सव में नगर पालिका परिषद दीपिका का पहला परिणाम आ गया। यह चुकाने या चौंकाने वाली खबर नहीं है सब जानते हैं कि इस वार्ड पर जब चुनाव ही नहीं होना है पार्षद पद के लिए तो परिणाम तो पहले ही तय हो जाता है दीपका का यह वार्ड अकेला वार्ड नहीं है और भी कई निगम पालिका और नगर पंचायत है जहां कई प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित हुए।
आम आदमी को समझना होगा लोकतंत्र के इस महापर्व में मतदाताओं के साथ इस तरह से मजाक अच्छी बात नहीं है।





