जिले में जगह-जगह संचालित हो रहे पैथोलॉजी लैब/ कलेक्शन सेंटर में हो रही नमूनों की जांच को लेकर सवाल उठे हैं। बिना विशेषज्ञ की उपस्थिति के रक्त आदि नमूनों की जांच हो रही है।पैरामेडिकल स्टाफ के भरोसे संचालित हो रहे अधिकांश लैब की जांच रिपोर्ट भी सवालों के घेरे में रही है। दूसरे जिले में बैठकर पैथोलॉजिस्ट के द्वारा कोरबा जिले में संचालित हो रहे कलेक्शन सेंटर के जरिए मरीज को जांच रिपोर्ट देने और इसमें भी अपना नमूना हस्ताक्षर (कंप्यूटराइज) देने की लगातार मिल रही शिकायतों पर आखिरकार स्वास्थ्य विभाग ने संज्ञान लिया है।
कटघोरा में संचालित बालाजी डायग्नोस्टिक सेंटर को लेकर भी इस तरह की शिकायतें थी जिसका संचालन बिलासपुर में निजी अस्पताल का संचालन करने वाले डॉ.दिग्विजय सिंह के द्वारा किया जा रहा है, उक्त सेंटर को सील करने की कार्रवाई खंड चिकित्सा अधिकारी के नेतृत्व में की गई।
स्वास्थ्य विभाग की सख्ती बढ़ने के साथ ही नियम-कायदों को ताक पर रखकर और मात्र ऑनलाइन आवेदन जमा करने के बाद अनुमति मिलने से पहले ही दुकानदारी चला रहे लैब संचालकों में हड़कम्प मच गई है। ऐसे सभी लैब भी चिन्हित किए जा रहे हैं जो अनुमति मिलने की प्रक्रिया जारी रहने के दौरान ही नमूने एकत्र कर जांच रिपोर्ट भी जारी कर रहे हैं। उन पर सख्त कार्रवाई की तैयारी हो रही है।
इस कड़ी में निर्देश जारी कर जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. SN केशरी ने जिले के समस्त पैथोलॉजी लैब/कलेक्शन सेंटर के संचालकों को पैथोलॉजिस्ट का शपथ पत्र व स्टॉफ की जानकारी प्रस्तुत करने निर्देशित किया है। CMHO ने बताया कि विषयान्तर्गत शिकायत प्राप्त हो रही है कि पैथोलॉजी लैब में पैथालॉजिस्ट उपस्थित नहीं रहते हैं। इसलिए संचालकों, सभी निजी पैथेलॉजी लैब/माइनर लैब/कलेक्शन सेंटर में सेवा देने वाले पैथोलॉजिस्ट, मेडिकल ऑफिसर, पैरामेडिकल स्टाफ की शैक्षणिक योग्यता, रजिस्ट्रेशन एवं संस्था में सेवा देने व समय के संबंध में शपथ पत्र संबंधित दस्तावेज तीन दिवस के भीतर CMHO कार्यालय में प्रस्तुत करना सुनिश्चित करने कहा गया है।
झोलाछाप डॉक्टरों पर भी कार्रवाई का फरमान
कार्यालय, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा समस्त खण्ड चिकित्सा अधिकारी, कोरबा (शहरी), पताढ़ी, करतला, कटघोरा, पाली एवं पोडीउपरोड़ा को पत्र लिखकर कोरबा जिले में झोलाछाप डॉक्टरों के विरूध्द कार्यवाही करने बावत निर्देशित किया गया है। कार्यालय, कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी कोरबा के आदेश के माध्यम से जिले में बिना डिग्री वाले चिकित्सा व्यवसाय करने वाले व्यक्तियों की लापरवाही से जन सामान्य में होने वाले असमायिक मृत्यु को रोकने के लिए अवैध चिकित्सकों के विरूध्द विशेष अभियान चलाकर नियंत्रित करने हेतु विकास खण्ड स्तरीय निरीक्षण दल गठन किया गया है। समन्वय बनाकर बिना डिग्री वाले चिकित्सकों के विरूध्द नियमानुसार कार्यवाही करने का निर्देश जारी किया गया है। कहा गया है कि पूर्व में उच्च अधिकारियों से प्राप्त निर्देशानुसार कार्यालय द्वारा भी समय-समय पर झोलाछाप व्यक्तियों के विरूध्द कार्यवाही करने का निर्देश दिया गया था। अत: उपरोक्तानुसार समन्वय बनाकर 7 दिवस के भीतर बिना डिग्री वाले चिकित्सकों के विरूध्द नियमानुसार कार्यवाही कर अधोहरताक्षरकर्ता CMHO कार्यालय को अवगत कराना सुनिश्चित करें। यदि कार्यवाही नहीं करने की स्थिति में किसी प्रकार की विपरित परिस्थिति उत्पन्न होती है, तो संपूर्ण जवाबदारी आपके (BMO) स्वयं की होगी।