दीपका गेवरा । एसईसीएल के गेवरा परियोजना खदान में नियोजित निजी कम्पनी में कार्यरत मजदूर, ड्राईवर, हेल्पर, आपरेटर, सुपरवाईजर को एचपीसी रेट से भुगतान के लिए अनिश्चित कालीन हड़ताल शुरू कर दी गई है। गेवरा महाप्रबंधक कार्यालय का घेराव रैली निकालकर किया गया है।
इनके द्वारा मांग की जा रही है कि-
एच.पी.सी. रेट जो कि कोल इंडिया द्वारा निर्धारित नहीं दिया जाता है।
एच.पी.सी. रेट न देकर 18,000/-, 22,000/-, 25,000/- दिया जाता है। जो कि नियम के विरूद्ध है व शोषण तथा भ्रष्टाचार कि श्रेणी में आता है।
मासिक वेतन पर्ची (पैमेंट स्लिप) नहीं दिया जाता है ।
ई.पी.एफ. 1,800 काटना चाहिए, जो कि 3,600 काटा जा रहा है, अर्थात ई.पी.एफ. में भारी भ्रष्टाचार किया जाता है।
सुरक्षा उपकरण नहीं दिया जाता है जिससे आए दिन दुर्घटना होती रहती है।
परिचय पत्र नहीं दिया जाता है।
कंपनी अपने स्थानीय कर्मचारियों के साथ जानवरों जैसा व्यवहार कर गाली गलौच करता है।
आपातकालीन स्थिति में कर्मचारियों के परिस्थिति को समझ कर छुट्टी भी नहीं दिया जाता है।
एम.टी.के. में हाजरी नहीं लगाई जाती है, जो कि पूर्ण रूप से असंवैधानिक है।
गाड़ियों में छोटी सी भी टूट फूट होने पर ड्राइवर को कार्य से निकाल दिया जाता है।
गाड़ियों के ब्रेकडाउन हो जाने पर कर्मचारियों को बैरंग लौटा दिया जाता है, अर्थात हाजरी नहीं दिया जाता है।
वेतन भुगतान करने के लिए नियमित दिन नहीं है जबकि अन्य कंपनी में माह के 10 तारीख तक नियमित वेतन भुगतान कर दिया जाता है।
रूंगटा कंपनी द्वारा पेटी मे ठेका देकर के बालाजी कंपनी एवं उत्तम कंपनी के माध्यम से ड्राइवर व मजदूरो के साथ शोषण किया जा रहा है ।