(कालाहीरा न्यूज़ )
दीपका।देश भर में सिविल क्षेत्र के तहत 57 नए केंद्रीय विद्यालय खुलेंगे, इनमें 19 बिहार में
“पहले स्वीकृत 85 केंद्रीय विद्यालयों के साथ, यह तात्कालिक प्रस्ताव पुरे भारत में विस्तार के साथ संतुलन बनाते हुए केंद्रीय विद्यालयों की उच्च मांग को पूरा करता है“
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बच्चों की बढ़ती संख्या को देखते हुए उनके बच्चों की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए देश भर में सिविल क्षेत्र के अंतर्गत 57 नए केंद्रीय विद्यालय (KVS) खोलने को मंजूरी दे दी है।
57 नए केंद्रीय विद्यालयों की स्थापना के लिए निधियों की कुल अनुमानित आवश्यकता 5862.55 करोड़ रुपये (लगभग) है, जो 2026-27 से नौ वर्षों की अवधि को कवर करती है। इसमें 2585.52 करोड़ रुपये (लगभग) का पूंजीगत व्यय और 3277.03 करोड़ रुपये (लगभग) का परिचालन व्यय शामिल है। उल्लेखनीय है कि पहली बार इन 57 केंद्रीय विद्यालयों को बाल वाटिका, यानी बुनियादी चरण (प्री-प्राइमरी) के 3 वर्षों के साथ मंजूरी दी गई है।
भारत सरकार ने रक्षा और अर्धसैनिक बलों सहित केन्द्र सरकार के स्थानांतरणीय और गैर-स्थानांतरणीय कर्मचारियों के बच्चों की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पूरे देश में एक समान मानक की शैक्षिक सुविधाएं प्रदान करने हेतु नवम्बर 1962 में केंद्रीय विद्यालयों की योजना को मंजूरी दी थी। परिणामस्वरूप, “केंद्रीय विद्यालय संगठन” को भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की एक इकाई के रूप में शुरू किया गया था।
नए केंद्रीय विद्यालय खोलना एक निरंतर प्रक्रिया है। मंत्रालय और केवीएस को नए केंद्रीय विद्यालय खोलने के लिए केंद्र सरकार के मंत्रालयों/विभागों, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों सहित विभिन्न प्रायोजक प्राधिकरणों से नियमित रूप से प्रस्ताव प्राप्त होते हैं। अब तक 1288 कार्यात्मक केंद्रीय विद्यालय हैं, जिनमें से 3 विदेशों में हैं-मास्को, काठमांडू और तेहरान। 30.06.2025 तक छात्रों का कुल नामांकन 13.62 लाख (लगभग) है।
दीपका क्षेत्र मे भी गुणवत्ता युक्त शिक्षा के लिए केंद्रीय विद्यालय की मांग लगातार किया जा रहा है जिसे प्रगतिनगर के वरिष्ठ पार्षद अरुनीश तिवारी ने पिछले कई वर्षो से लगातार जारी है। इस मांग को सामूहिक मांग के रूप में अगर सभी श्रमिक संगठन व जनप्रतिनिधि मिलकर करें तो संभव है इसी सत्र मे इसकी घोषणा हो जाये।
अफ़सोस इस बात का है कि अब तक कोई भी क्षेत्रीय विधायक एवं कोई भी नगर पालिका अध्यक्ष ने क्षेत्र मे केंद्रीय विद्यालय खोलने की मांग नहीं की है।
लेकिन अब वक्त आ गया है की केंद्रीय विद्यालय के लिए सब मिलकर मांग करें।





