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50 साल से अधिक पुरानी सेवा खत्म, डाक विभाग ने बंद की रजिस्टर्ड पोस्ट सेवा, जानें क्या है कारण…..

नई दिल्ली। भारतीय डाक विभाग ने एक ऐतिहासिक और बड़ा निर्णय लिया है। 1 सितंबर 2025 से पूरे देश में रजिस्टर्ड डाक (Registered Post) सेवा को पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। अब कोई भी नागरिक रजिस्ट्री वाली चिट्ठी नहीं भेज पाएगा। यह सेवा अब स्पीड पोस्ट (Speed Post) में मर्ज कर दी जाएगी। यानी जो सुविधाएं पहले रजिस्टर्ड पोस्ट में मिलती थीं – जैसे रिसीविंग की पुष्टि, सुरक्षित वितरण और कानूनी मान्यता – वे अब स्पीड पोस्ट के ज़रिए उपलब्ध कराई जाएंगी, लेकिन अलग सेवा के रूप में नहीं।

जानें कब से बंद होगी सेवा
भारतीय डाक विभाग के एक परिपत्र के मुताबकि 1 सितंबर, 2025 से रजिस्टर्ड पोस्ट (Registered Post) सेवा बंद हो जाएगी। डाक विभाग स्पीड पोस्ट (Speed Post) के साथ रजिस्टर्ड पोस्ट सेवा को इंटीग्रेट करने क राह पर है। सरकार का दावा है कि ऐसा करने से काम करने का तरीका और भी आधुनिक हो जाएगा।

रजिस्ट्री चिट्ठी या रजिस्टर्ड पोस्ट की अभी तक बड़ी इज्जत रही है। कोई महत्वपूर्ण कागजात भेजना हो, बाहर पढ़ने वाले बच्चों को बैंक ड्राफ्ट बना कर भेजना हो या रक्षा बंधन पर राखी, सबके लिए रजिस्टर्ड पोस्ट का इस्तेमाल होता है। आजादी के बाद से ही रजिस्टर्ड पोस्ट बेहद भरोसेमंद माना जाता था। सरकार भी अपाइन्टमेंट लेटर भेजने में इसका इस्तेमाल करती रही है। साथ ही अदालत भी कानूनी नोटिस इसके जरिए भेजा करती थी।

अब एक सितंबर से बदल जाएगा सिस्टम
डाक विभाग के सचिव और डायरेक्टर जनरल ने सभी विभागों, अदालतों, संस्थानों और लोगों को 1 सितंबर तक नई व्यवस्था में बदलने के लिए कहा है। 31 अगस्त तक दोनों सेवाएं पहले की तरह चलती रहेंगी। लेकिन 1 सितंबर से लोगों को अपनी चीजें स्पीड पोस्ट से भेजनी होंगी। इस तरह रजिस्टर्ड पोस्ट का एक युग खत्म हो जाएगा।

जानें क्यों हुआ है यह बदलाव
बताया जा रहा है कि यह बदलाव इसलिए किया जा रहा है क्योंकि रजिस्टर्ड पोस्ट का इस्तेमाल बहुत कम हो गया है। लोग अब ऑनलाइन चीजें इस्तेमाल करने लगे हैं। व्हाट्सऐप और ईमेल के चलते अब पत्र लिखना या भेजना भी कम हो गया है। इसके अलावा प्राइवेट कूरियर और ई-कॉमर्स लॉजिस्टिक्स से भी रजिस्टर्ड पोस्ट का मुकाबला बढ़ गया है।

डाक विभाग की ही एक और सेवा स्पीड पोस्ट है। इसे 1986 में शुरू किया गया था। रजिस्ट्री चिट्ठी की तरह ही इसमें भी बुकिंग के वक्त रसीद दी जाती है। इसे आप ऑनलाइन ट्रैक कर सकते हैं। हालांकि, स्पीड पोस्ट की सेवा रजिस्टर्ड पोस्ट से महंगी है। अब डाक विभाग का रेट देखिए। रजिस्टर्ड पोस्ट की शुरुआत 25.96 रुपये से होती थी। इसके बाद हर 20 ग्राम के लिए 5 रुपये ज्यादा लगते थे। वहीं स्पीड पोस्ट 50 ग्राम तक के पार्सल के लिए 41 रुपये से शुरू होता है। यह लगभग 20-25% महंगा है।

रजिस्टर्ड पोस्ट सेवा का बंद होना एक युग का अंत है।

यह सेवा वर्षों से देश के लाखों लोगों के लिए भरोसे और सुरक्षा का प्रतीक रही है – विशेष रूप से ग्रामीण भारत के लिए, जहां डिजिटल माध्यम आज भी पूरी तरह सुलभ नहीं हैं। बैंक, विश्वविद्यालय, न्यायालय और सरकारी विभाग जैसे संस्थान कानूनी रूप से मान्य दस्तावेज- जैसे नियुक्ति पत्र, कोर्ट नोटिस, प्रवेश-पत्र, मार्कशीट भेजने के लिए रजिस्टर्ड पोस्ट का ही उपयोग करते थे, क्योंकि इसमें प्रूफ ऑफ डिलीवरी, रिसीवर का सिग्नेचर और ट्रैकिंग जैसी सुविधाएं मिलती थीं। गांवों के बुजुर्ग, किसान, छात्र और छोटे व्यापारी आज भी रजिस्टर्ड पोस्ट को सबसे सुरक्षित माध्यम मानते हैं। स्पीड पोस्ट भले ही तेज़ हो, लेकिन रजिस्टर्ड पोस्ट का जो भरोसा और भावनात्मक जुड़ाव था। वह कहीं न कहीं अब कम होता दिखेगा।

Kala Hira
Author: Kala Hira

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