बीएसएफ कांस्टेबल पीके साहू मूल रूप से बंगाल के रहने वाले हैं और 23 अप्रैल को पंजाब की सीमा पर तैनात थे। वहां गलती से पाकिस्तान की सीमा में चले गए थे, जिसके बाद पाकिस्तान की सेना ने पकड़ लिया था।
सफलता मिली है। पाकिस्तान ने सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवान पीके साहू (PK Sahu) के सुरक्षित लौटा दिया है। बुधवार सुबह पीके साहू अटारी-वाघा बॉर्डर के जरिए भारत लौट आए।
पुर्नम कुमार साहू (पीके साहू) 23 अप्रैल को गलती से पाक सीमा में चले गए थे और पाकिस्तान के रेंजर्स ने पकड़ लिया था। आमतौर पर जब कोई सैनिक गलती से सीमा में चला जाता है तो उसे लौटा दिया जाता है, लेकिन इस केस में 20 दिन का वक्त लग गया।
इसका कारण यह था कि 22 अप्रैल को ही पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था। इसके बाद भारत और पाकिस्तान के संबंंध बिगड़ गए। पीके साहू की वापसी के लिए दोनों देशों के बीच फ्लैग मीटिंग भी हुई, लेकिन पाकिस्तान नहीं माना।अब दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम होने के बाद पाकिस्तान ने बीएसएफ जवान को लौटा दिया। इसे दोनों देशों के बीच बेहतर होते संबंधों के रूप में देखा जा रहा है।
पत्नी ने लगाई थी गुहार
पीके साहू को जब पाकिस्तान ने रिहा करने में टालमटोल की तो उनका परिवार परेशान हो गया। उनकी पत्नी रजनी ने सुरक्षित वापसी के लिए गुहार लगाई। उन्होंने पठानकोट और फिरोजपुर में सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी मुलाकात की थी।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया तो भी परिवार की अनिश्चितता बढ़ गई। पिता भोलानाथ ने कहा था कि हम टीवी पर आने वाले हर खबर देख रहे हैं, इस उम्मीद में कि कहीं से अच्छी सूचना मिले।
बहरहाल, पीके साहू की वापसी के बाद अब परिवार ने राहत की सांस ली है। अब उनका मेडिकल टेस्ट होगा और पाकिस्तान में हुए बर्ताव के बारे में जानकारी ली जाएगी।
