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कौन हैं वैभव कोकट? जिसने IAS पूजा खेडकर की खोल दी पोल पट्टी, पढ़ें इनसाइड स्टोरी

ट्रेनी IAS पूजा खेडकर मामले में अब तक कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं. आइए जानते हैं पूरे मामले की इनसाइड स्टोरी।

(कालाहीरा न्यूज)

 

वैभव कोकट ने 6 जुलाई को अपने ट्विटर हैंडल से पूजा खेडकर के बारे में ट्वीट किया था।

मुंबईट्रेनी IAS पूजा खेडकर मामले (IAS Pooja Khedkar Updates) में अब तक कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं. पूजा खेडकर पर भी अब UPSC ने केस दर्ज किया है. उन्हें परीक्षा देने से रोक दिया गया है, आपकी उम्मीदवारी क्यों रद्द नहीं की जानी चाहिए? UPSC की ओर से उन्हें ऐसे कारण बताओ नोटिस भेजा गया है. इसी बीच एक ट्वीट से ये सारा मामला सामने आया. वैभव कोकट ने 6 जुलाई को अपने ट्विटर हैंडल से ये ट्वीट किया।

लगाए गए थे कई आरोप

उन्होंने आगे लिखा था ‘पुणे कलेक्टर ऑफिस में इस बात की चर्चा हमेशा होती रहती है कि आखिर ये बड़े अधिकारी कौन हैं जो ऑडी कंपनी की लोगो और लैंप वाली लग्जरी कार लेकर ऑफिस आते हैं. खास बात यह है कि ये ऑफिसर मैडम दिन में भी अपनी कार की लाइटें जलाए रखती हैं. इन अधिकारी महोदया के ‘कार’ नाम केवल कारों तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि जब वरिष्ठ अधिकारी सरकारी काम के लिए मुंबई में मंत्रालय में गए, तो इस अधिकारी महोदया ने उनके बरामदे पर कब्ज़ा कर लिया और वरिष्ठों के बरामदे का सामान बाहर निकाल लिया. और वहां अपना ऑफिस बनाया और अपने नाम का एक बोर्ड भी लगाया।

पिता ऑफिस आकर लोगों को धमकाते थे

उन्होंने आगे लिखा था ‘पुणे के कलेक्टर सुहास दिवसे ने अपने व्यवहार को लेकर अपर मुख्य सचिव मंत्रालय को एक रिपोर्ट दायर की है और इस रिपोर्ट में कलेक्टर ने अधिकारी मैडम की जिद का जिक्र किया है कि ‘मेरा कार्यालय कलेक्टर के कार्यालय के बगल में होना चाहिए और मुझे एक कांस्टेबल चाहिए और मुझे यह कार चाहिए’ ‘. अधिकारी मैडम के पिता कलेक्टर कार्यालय आते हैं और वहां के कर्मचारियों-अधिकारियों से कहते हैं कि, तुम सब मेरी बेटी को परेशान कर रहे हो, तुम्हें जीवन भर उसे ऐसा पद कभी नहीं मिलेगा। धमकी भी देते हैं कि अगर तुम मेरी बेटी को परेशान करोगे तो भविष्य में तुम्हें भी ट्वीट में आगे कहा था ‘ट्रेनी पर रहने वाले अधिकारियों को कार, सैनिक, हॉल आदि सुविधाएं उपलब्ध कराने का कोई सरकारी प्रावधान नहीं है. जिलाधिकारी ने उन्हें अपर जिलाधिकारी का पदभार वापस देने का संकेत दिया. इस पर पूजा खेडकर ने वॉट्सऐप मैसेज भेजकर कहा कि ये मेरा अपमान है. प्रोबेशन पर चल रहे इस अधिकारी का आचरण एक प्रशासनिक अधिकारी के अनुरूप नहीं है. जिला कलक्टर ने अपने प्रतिवेदन में विस्तृत सुझाव दिया है कि जिले में सरकारी कामकाज सुचारु रूप से चलाने के लिए प्रशिक्षण हेतु जिला बदला जाये।
ट्वीट में आगे कहा था ‘ट्रेनी पर रहने वाले अधिकारियों को कार, सैनिक, हॉल आदि सुविधाएं उपलब्ध कराने का कोई सरकारी प्रावधान नहीं है. जिलाधिकारी ने उन्हें अपर जिलाधिकारी का पदभार वापस देने का संकेत दिया. इस पर पूजा खेडकर ने वॉट्सऐप मैसेज भेजकर कहा कि ये मेरा अपमान है. प्रोबेशन पर चल रहे इस अधिकारी का आचरण एक प्रशासनिक अधिकारी के अनुरूप नहीं है. जिला कलक्टर ने अपने प्रतिवेदन में विस्तृत सुझाव दिया है कि जिले में सरकारी कामकाज सुचारु रूप से चलाने के लिए प्रशिक्षण हेतु जिला बदला जाये।
ट्वीट में वैभव कोकट ने आगे कहा कि ‘नए अधिकारी इतने उत्साहित क्यों हैं? 10-15 साल पहले या उससे पहले सरकारी सेवा में आये अधिकारियों में अपने काम के प्रति बहुत जागरूकता होती है और स्वभाव में अधिकार और विनम्रता होती है, लेकिन पिछले 5-6 साल में सरकारी सेवा में आये कई महाभागों की मंशा केवल सतही नौकरी की होती है. मैं तेजी से बड़ा होना चाहता हूं, मैं अमीरी भरी जिंदगी जीना चाहता हूं, मैं अमीर बनना चाहता हूं. मैं पूरी तरह से इंस्टाग्राम पर रहना चाहता हूं. सोशल मीडिया पर दर्शन का प्रसार करना है. पिछले कुछ वर्षों में प्रशासनिक सेवा में बहुत चिंताजनक लहर आयी है. कुछ अपवादों के साथ, यह कहने का समय आ गया है कि पुराने अधिकारी नए अधिकारियों से बेहतर हैं. तब ये मामला सामने आया.विनम्रता होती है, लेकिन पिछले 5-6 साल में सरकारी सेवा में आये कई महाभागों की मंशा केवल सतही नौकरी की होती है. मैं तेजी से बड़ा होना चाहता हूं, मैं अमीरी भरी जिंदगी जीना चाहता हूं, मैं अमीर बनना चाहता हूं. मैं पूरी तरह से इंस्टाग्राम पर रहना चाहता हूं. सोशल मीडिया पर दर्शन का प्रसार करना है. पिछले कुछ वर्षों में प्रशासनिक सेवा में बहुत चिंताजनक लहर आयी है. कुछ अपवादों के साथ, यह कहने का समय आ गया है कि पुराने अधिकारी नए अधिकारियों से बेहतर हैं. तब ये मामला सामने आया.भुगतना पड़ेगा। यहां वहीं इसके बाद उन्होंने कहा, ‘एक ट्वीट में बहुत ताकत होती है, हमें निडर होकर लिखना चाहिए. भले ही समय कठिन हो, आम आदमी को केंद्र में रखकर सच बोलना चाहिए. सिस्टम के ख़िलाफ़ लिखें और बोलें. उन्होंने ट्वीट भी किया है कि सिस्टम को झुकाने की ताकत आपकी लेखनी में है तक कि अफसर मैडम को भी वह दफ्तर पसंद नहीं आया, जिसकी मरम्मत बेहिसाब जिद से की गई थी।
Kala Hira
Author: Kala Hira

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