(कालाहीरा न्यूज)
देश की कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया ताबड़तोड़ राहत भरा निर्णय ले रही है. कर्मचारियों के आश्रित को नौकरी में रियायत की घोषणा की है तो अधिकारियों के आश्रितों को भी नौकरी में रियायत दी गई है. रिटायर्ड कर्मियों को भी आवास आवंटित करने के नियम की चर्चा चल रही है. इस बीच कोल इंडिया ने कोयले के ई -ऑक्शन को आकर्षक बनाने के लिए भी रियायत देने की घोषणा की है. कोयला उठाने वाले कारोबारियों को लाभ देने के लिए अर्नेस्ट मनी डिपॉजिट को घटाकर डेढ़ सौ रुपए प्रति टन कर दिया गया है. कारोबारियों को फायदा देने के लिए निर्देश जारी किया गया है कि ई-ऑक्शन में कोयले की मात्रा को बढ़ा दिया जाए. पहले अर्नेस्ट मनी डिपॉजिट ₹200 प्रति टन था. कोयले की मांग बढ़ने पर अर्नेस्ट मनी डिपॉजिट को बढ़ाकर ₹500 प्रति टन कर दिया गया था. अब इसे घटा दिया गया है. कोल इंडिया की ओर से कहा गया है की नीलामी के नियमों को आसान करने के लिए यह सब किए गए है. बात यहीं खत्म नहीं होती है. कोल इंडिया ने अपनी अनुषंगी कंपनियों को कहा है कि अर्नेस्ट मनी डिपॉजिट को कम करने के साथ-साथ ई-नीलामी के तहत कोयले की मात्रा को बढ़ाया जाए.
उत्पादन का 40 प्रतिशत ई -ऑक्शन में देने का निर्देश
जितना प्रोडक्शन होता है, उसमें 40% तक कोयले की मात्रा ई-ऑप्शन के लिए बढ़ाया जा सकता है. यह भी संकेत निकलकर आ रहे हैं कि कोयले की नीलामी और आवंटन पद्धति में सुधार के लिए कंपनी और काम कर रही है. ई-ऑक्शन में बदलाव की जानकारी उद्यमियों एवं कारोबारियों को दी गई है. इधर, पता चला है कि ई-ऑक्शन में कारोबारियों की भागीदारी कम होने के कारण अर्नेस्ट मनी डिपॉजिट में कमी की गई है. दरअसल, धनबाद सहित कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनियों में कोयला चोरी की वजह से कोयले का डिमांड घट गया है. धनबाद के उद्योग मालिकों का कहना है कि जब तक कोयला चोरी पर अंकुश नहीं लगेगा, कोयले का डिमांड नहीं बढ़ेगा. अगर कोयला चोरी जारी रही तो ई -ऑक्शन पर और अधिक प्रभाव पड़ सकता है, हालांकि धनबाद इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष बीएन सिंह का कहना है कि कोल इंडिया यदि कंपनी और उद्योगपतियों की बेहतरी चाहती है तो अर्नेस्ट मनी डिपॉजिट को पूरी तरह से खत्म कर दें। अच्छी क्वालिटी का कोयला उद्योगपतियों को दे, साथ ही कोयला चोरी पर पूरी तरह से अंकुश लगे, तभी जाकर स्थिति सुधर सकती है।