(कालाहीरा न्यूज )
मतदान के बाद नतीजों को लेकर आम से लेकर खास तक इंतजार कर रहे है। नेता हो या आम इंसान प्रदेश में किसकी सरकार बनेगी इसका इंतजार एक और वर्ग कर रहा है और वो है किसान वर्ग। किसान वो वर्ग है जो प्रदेश की सियासत का निर्धारण करता है। इस बार ये वर्ग भी मतदान के परिणाम का इंतजार कर रहा है और सरकार बनने पर ही धान बेचने की बात कह रहा है। दरअसल सरगुज़ा संभाग में करीब 203 समितियों व धान खरीदी केंद्रों से धान की खरीदी की जानी है मगर संभाग के करीब 175 धान खरीदी केंद्र ऐसे हैं जहां बोहनी तक नही हुई है। खास बात ये की 22 दिन बीत जाने के बाद भी संभाग में धान खरीदी महज 3 हजार क्विंटल ही हुई है जो प्रदेश में सबसे कम है।
दोनों ही पार्टियों ने किसानों को लेकर की थी बड़ी घोषणाएं
दरअसल सरगुजा संभाग में किसान धान बेचने समिति केंद्रों में नहीं पहुंच रहे इसका बड़ा कारण यह है कि 3 दिसंबर को प्रदेश में नई सरकार का ऐलान हो जाएगा यानी प्रदेश में भाजपा सरकार बना रही है या कांग्रेस इसका निर्धारण हो जाएगा और किसान इस इंतजार में है कि नई सरकार के नीति के अनुसार ही वह अपने धान की बिक्री करेंगे। भाजपा हो या कांग्रेस दोनों ही दलों ने किसानों को लेकर बड़ी-बड़ी घोषणाएं की है। ऐसे में किसान भी चुनाव परिणाम का इंतजार कर रहे हैं और धान समितियां में चुनाव परिणाम आने के बाद ही बेचने की बात कह रहे हैं।
जल्द होगी धान की बंपर आवक
सरगुजा जिले में धान खरीदी के लिए करीब 203 धान खरीदी केंद्र बनाए गए हैं जहां धान खरीदी की तमाम तैयारियां कर ली गई है, लेकिन किसानों के नहीं आने के कारण समितियां पूरी तरीके से सुनी पड़ी हुई है और समितियों में धान की आवक भी नहीं हो पा रही, हालांकि जिला सहकारी केंद्रीय मर्यादित बैंक यह मान रहा है कि बहुत जल्द धान की बंपर आवक होगी और किसान समितियां में धान बेचने पहुंचेंगे मगर ऐसा लगता है कि सरगुजा संभाग के किसान चुनाव परिणाम आने के बाद ही अपनी धान समिति में बेचने के फिराक में है।